अब सपना के सब्र का बान टूट गया वो भी कहा चुप रहने वालों में से ह – चिल्ला उठि बस दीदी तुम्हारे जो मन मे आएगा तुम बोलती चली जाओगी और मै चुप चाप सुनती रहू-
अब सपना के सब्र का बान टूट गया वो भी कहा चुप रहने वालों में से ह – चिल्ला उठि बस दीदी तुम्हारे जो मन मे आएगा तुम बोलती चली जाओगी और मै चुप चाप सुनती रहू-